स्वागत व अभिनंदन।

सोमवार, अगस्त 25, 2014

बोलो-बोलो पाकिस्तान...

कितनी बार शिकस्त है खाई,
रण छोड़ के कब कब भागे हो,
तबाही करके क्या पाया अब तक,
बोलो-बोलो पाकिस्तान...

कितने बच्चे भूखे हैं,
कितनी नारियां घुटन में मर्ती,
कितने मासूम बेमौत मर्ते,
बोलो-बोलो पाकिस्तान...

न तुम्हारा कोई धर्म- इमान,
न शिक्षा देता ये इस्लाम,
कौन है खुदा, जेहाद ये कैसा,
बोलो-बोलो पाकिस्तान...

हिंदुओं की सुनकर दशा,
थर-थर रुह कांपती है,
कब तक खून बहेगा मानवता  का,
बोलो-बोलो पाकिस्तान...

कहता भारत सुनो तुम से,
अमन ही हमारी शकती है,
खुशहाली चाहिये या संहार,
बोलो-बोलो पाकिस्तान...

रविवार, अगस्त 17, 2014

आओ श्याम, बंसीधर...


[पावन पर्व श्री कृष्ण जन्माष्टमी की शुभकामनाएं...]



आहत यमुना तुम्हे बुलाए,
गायें     पीड़ा किसे सुनाएं,
आस है सब की तुम्ही पर,
आओ श्याम,  बंसीधर...

दुष्ासन  छिपा है, हर मोड़ पे आज,
बचाओ हिंद की बेटी की लाज,
    व्याप्त है केवल मन में  डर,
आओ श्याम,  बंसीधर...

पाषाण हो गयी भावनाएं,
न रही अब मर्यादाएं,
हिंसा, भोग-विलास है अब,
आओ श्याम,  बंसीधर...

मात-पिता ही  शड़ियंत्र रचाते,
अजन्मी बेटी का अस्तित्व मिटाते,
सूना है,  बेटी बिन घर,
आओ श्याम,  बंसीधर...

भाई-भाई में बैर है,
सुत के लिये, मां गैर  है,
खंडित हो गये रिश्ते सब,
आओ श्याम,  बंसीधर...

सूनी है,  ब्रज की गलियां,
सूख गयी है,  मधुवन की कलियां,
मौन है,  वृक्ष  सब,
आओ श्याम,  बंसीधर...

कहा था तुमने,  आओगे,
 धर्म, मानवता  को, बचाओगे,
कहता भारत, आओ अब,
आओ श्याम,  बंसीधर...

गुरुवार, अगस्त 14, 2014

हमने आज़ादी पाई है...

जीतकर एक लंबी जंग,
हमने आजादी पाई है,
पुत्रों ने धर्म निभाया,
मां की पीड़ा मिटाई है...
साक्षी है सूरज चंदा,
सत्य गंगा कहेगी,
शहीदों  ने अपने खून से,
ये हरियाली लाई है...
लड़े अंत तक, पर हार न मानी,
शीश  मां का कभी,  झुकने न दिया,
खुद मरते हुए, दस और मारे,
सीख गोविंद की सदा  ही,  काम आयी है...
न हस्ति इसकी कभी, मिटने देंगे,
जग अंबर में हिंद, चमकता रहेगा,
हमने इसकी पावन माटी,
सदा मस्तक पे लगाई है...

[स्वतंत्रता दिवस की असंख्य शुभकामनाएं...]

सोमवार, अगस्त 11, 2014

वो तो अभी ख्वाब है...



जो दिया था तुम्हे खुदा ने,
वो तुम्हारी तकदीर थी,
जो तुम पाना चाहते हो,
वो तो  अभी ख्वाब है...

बोला मिर्जा,  साहेबा से,
आज तुमने बेवफाई की,
वफा करोगे अगले जन्म में,
वो तो  अभी ख्वाब है...

सफर आधा कट चुका,
सफर आधा बाकी है,
कोई अब साथ चलेगा,
वो तो  अभी ख्वाब है...


जो शब्द  मेरे मौन है,
वो मौन रहेंगे शायद सदा,
उन शब्दों  को कोई सुनना चाहेगा,
वो तो  अभी ख्वाब है...

चाहत है दिल में यही,
आता रहूं मैं काम सब के,
ये जीवन किसी के काम आयेगा,
वो तो अभी ख्वाब है...

शनिवार, अगस्त 09, 2014

राखी के इस धागे में...

[पावन पर्व रक्षाबंधन की असंख्य शुभकामनाएं...]

भाई बहन का संबंध,
पावन है सब से,
ये संदेश है,
राखी के इस धागे में...

बहन का  प्रेम,
भाई का वचन,
सावन की खुशबू है,
राखी के इस धागे में...

प्राचीन परंपरा,
रिशते की पावनता,
भारत का गौरव है,
राखी के इस धागे में...

राष्ट्र प्रेम,
धर्म की रक्षा,
नारी सन्मान है,
राखी के इस धागे में...

बहन  का त्याग,
भाई  का बलिदान,
दिखावा नहीं, निष्ठा है,
राखी के इस धागे में...

सोमवार, अगस्त 04, 2014

मां उदास हूं, तुम बिन शहर में



मां उदास हूं, तुम बिन शहर में,
दिखते हैं ख्वाब, बस  गांव के,
चलना पड़ता हैं, यहां संभल के,
 काम ही काम, न आराम  यहां...

यहां आदमी तो  असंख्य हैं,
नज़र आता नहीं, इनसान यहां,
खामोशी है, न घर कोई,
दिखते हैं केवल, मकान यहां...               

यहां  फूलों में, वो खुशबू नहीं,
विहग भी,  गीत गाते नहीं,
पहचानते हैं, सब मुझे,
फिर भी हूं, अंजान यहां...

कहा था तुमने, शहर जाना,
पढ़ना-लिखना, पैसे कमाना,
न मिलती पैसे में, तुम्हारी मम्ता,
दौड़ाता है हरपल, तुफान यहां...