आज़ादी की 71वीं वर्षगाँठ पर
पूछता हूं मैं,
भ्रष्ट नेताओं से
बिके हुए अधिकारियों से,
स्वतंत्रता दिवस पर
या गणतंत्रता दिवस पर
तुम तिरंगा क्यों लहराते हो?
...तुम क्या जानो तिरंगे का मोल...
एक वो थे,
जो आजादी के लिये मर-मिटे
एक ये हैं,
जो आजादी को मिटा रहे
नेताओं को चंदा मिल रहा,
और अधिकारियों को कमिशन
फिर राष्ट्रीय दिवस क्यों मनाते हो?
...तुम क्या जानों इन पर्वों का मोल....
कल हम अंग्रेजों के गुलाम थे,
और आज भ्रष्टाचार के
कल जयचंद के कारण गुलाम हुए,
आज भी कुछ लोग हैं उसी परिवार के,
जो रक्षकों पर पत्थर बरसा रहे,
चो वंदे मातरम न गा रहे,
होने वाला है कृष्ण का अवतार अब,
...तुम क्या जानो श्री-कृष्ण कौन है....
देख लिया कौरवों को
हस्तिनापुर देकर भी,
हमारे बापू भिष्म ने
झेली पीड़ा विभाजन की।
अब न तुम्हारे पास भिष्म है
न द्रौण, न करण,
तुम्हारे पास भले ही आज भी शकुनी है,
....हमारी ओर से भी अब पासे श्री कृष्ण फैंकेंगे....
पूछता हूं मैं,
भ्रष्ट नेताओं से
बिके हुए अधिकारियों से,
स्वतंत्रता दिवस पर
या गणतंत्रता दिवस पर
तुम तिरंगा क्यों लहराते हो?
...तुम क्या जानो तिरंगे का मोल...
एक वो थे,
जो आजादी के लिये मर-मिटे
एक ये हैं,
जो आजादी को मिटा रहे
नेताओं को चंदा मिल रहा,
और अधिकारियों को कमिशन
फिर राष्ट्रीय दिवस क्यों मनाते हो?
...तुम क्या जानों इन पर्वों का मोल....
कल हम अंग्रेजों के गुलाम थे,
और आज भ्रष्टाचार के
कल जयचंद के कारण गुलाम हुए,
आज भी कुछ लोग हैं उसी परिवार के,
जो रक्षकों पर पत्थर बरसा रहे,
चो वंदे मातरम न गा रहे,
होने वाला है कृष्ण का अवतार अब,
...तुम क्या जानो श्री-कृष्ण कौन है....
देख लिया कौरवों को
हस्तिनापुर देकर भी,
हमारे बापू भिष्म ने
झेली पीड़ा विभाजन की।
अब न तुम्हारे पास भिष्म है
न द्रौण, न करण,
तुम्हारे पास भले ही आज भी शकुनी है,
....हमारी ओर से भी अब पासे श्री कृष्ण फैंकेंगे....