***आप***सब को****पावन***पर्व***दिवाली की***अनंत***शूभकामनाएं****
दोस्त दुशमन साथ आयें,
गिले-शिकवे सब भूल जाएं,
पर्व है ये मानवता का,
आयी दिवाली, मिलकर मनाएं,
हिन्दू सिख मुस्लमान,
है एक धरा के सब इनसान,
लड़ने के लिये हमने मजहब
बनाए,
आयी दिवाली, मिलकर मनाएं,
लड़ियां , मौमबत्तियां भले जलाना,
दिपक को मत भूल जाना,
परंप्रा को न भुलाएं,
आयी दिवाली, मिलकर मनाएं,
जी भरके करना दान,
सब अधरों पर लाना मुस्कान,
कहीं निर्धनों को न भूल जाएं,
आयी दिवाली, मिलकर मनाएं,
मां से मांगना केवल ये वर,
दरिद्र न रहे कोई धरा पर,
हर घर में अपना स्थान
बनाएं,
आयी दिवाली, मिलकर मनाएं,