tag:blogger.com,1999:blog-8875130405369619473.post2783710275803328272..comments2024-03-02T03:35:48.319+07:00Comments on मन का मंथन [man ka manthan]: ईस्वी केलेंडर से काम चलाते हैं। kuldeep thakurhttp://www.blogger.com/profile/11644120586184800153noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-8875130405369619473.post-31616701403800890792016-04-10T23:32:26.186+07:002016-04-10T23:32:26.186+07:00उस ढर्रे से छुटकारा पायें तभी तो अपना पथ बनायें! उस ढर्रे से छुटकारा पायें तभी तो अपना पथ बनायें! प्रतिभा सक्सेनाhttps://www.blogger.com/profile/12407536342735912225noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8875130405369619473.post-38832405602748295082016-04-08T20:57:51.566+07:002016-04-08T20:57:51.566+07:00हम पूरे अभी आजाद कहां
ईस्वी केलेंडर से काम चलाते...हम पूरे अभी आजाद कहां<br />ईस्वी केलेंडर से काम चलाते हैं। <br />सटीक कहा आपने ..<br />जाने कौन सी गुलामी में जीते रहते हैं पता ही नहीं। प्रकृति को देखने की फुर्सत नहीं है हमें तभी तो ईस्वी केलेंडर से काम चलाते हैं <br /><br />बहुत सुन्दर सामयिक रचना .. <br />आपको नवसंवत्सर और नवरात्र की हार्दिक शुभकामनाएं कविता रावत https://www.blogger.com/profile/17910538120058683581noreply@blogger.com